दिनेश कार्तिक ने कहा कि मैंने अपनी जगह किसी आम क्रिकेटर से नहीं गंवायी थी, धोनी खास थे, मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं।
New Delhi, Jun 12 : महेन्द्र सिंह धोनी जिस दौर में विकेटकीपर बल्लेबाज की भूमिका की नई परिभाषा गढ रहे हों, उस दौर में दिनेश कार्तिक जैसे खिलाड़ी के लिये राह बिल्कुल भी आसान नहीं रहा। आखिरी बार साल 2010 में टेस्ट मैच खेलने वाले दिनेश कार्तिक इतने समय आत्ममंथन के बाद बेबाकी से अपनी आकलन करते हुए कहते हैं कि माही जैसे शानदार खिलाड़ी के रहते उनके लिये टीम में जगह बनाना आसान नहीं था।
दिनेश कार्तिक ने क्या कहा ?
दिनेश कार्तिक ने अफगानिस्तान टेस्ट मैच से पहले कहा कि मैं लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका, कांम्पटिशन ज्यादा होने की वजह से मौके कम मिले। मेरी प्रतिस्पर्धा धोनी जैसे शानदार खिलाड़ी से था, वो भारत के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट कप्तानों में से एक बनें और विश्व क्रिकेट में अपने प्रदर्शन से छाप छोड़ी। मेरे लिये राह आसान नहीं था।
खास थे धोनी
दिनेश कार्तिक ने आगे बोलते हुए कहा कि मैंने अपनी जगह किसी आम क्रिकेटर से नहीं गंवायी थी, माही खास थे, मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं, उस समय मैं लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहा था। अब मुझे एक और मौका मिला है, मेरी ओर से पूरी कोशिश रहेगी, कि मैं अच्छा प्रदर्शन कर टीम में अपनी जगह बना सकूं।
87 टेस्ट बाद मिल सकता है मौका
आपको बता दें कि दिनेश कार्तिक को ऋद्धिमान साहा के विकल्प के तौर पर टेस्ट टेस्ट में शामिल किया गया है। कार्तिक ने साल 2010 में बांग्लादेश के खिलाफ अपने करियर का 23वां टेस्ट मैच खेला था। उसके बाद से 8 सालों में टीम इंडिया ने 87 टेस्ट मैच खेले, जिसमें कार्तिक टीम का हिस्सा नहीं थे। अगर बंगलुरु में उन्हें मौका मिलता है, तो ये उनके करियर का 24वां टेस्ट मैच होगा।
साहा को मौका
धोनी से साल 2014 में टेस्ट क्रिकेट से सन्यास लेने के बाद दिनेश कार्तिक की जगह ऋद्धिमान साहा को मौका दिया गया, उन्होने बल्ले से और विकेटकीपिंग से अपनी जगह पक्की कर ली। तब से टेस्ट में लगातार वहीं विकेटकीपिंग कर रहे हैं, लेकिन आईपीएल के दौरान उनके अंगूठे में चोट लगी है, जिसकी वजह से दिनेश को मौका दिया गया है।